विक्रम पौद्दार(obc) का ग़ैरजाति से प्रेमप्रसंग का मामला होता है लड़की की जाति के थाना प्रभारी भी होते हैं, जिसके चलते थाना-बीरपुर प्रभारी विक्रम पौद्दार को तीन दिन पुलिस कस्टरडी में रखते हैं 23 मार्च को घर वाले को खबर मिलती है कि वो पुलिस कस्टरडी में खुद फाँसी लगा लिये हैं।
इस मामले को #सामाजिककार्यकर्ता युवा बिर्गेड के नेता #संतोषकुमार_शर्मा पुलिस प्रशासन को कटघरे में रखते हैं और सोशल मीडिया पर सवाल करते हैं कि लॉकडाउन की आर में विक्रम पौद्दार के साथ नाइंसाफी नही होने देंगे।
6 अप्रैल को शाम 6 बजे #नावकोठी_थाना संतोष को इस आधार पर उठा ले जाती है कि वो #लॉकडाउन का उलंघन किया हैं 9 बजे उसे छोड़ देती है फिर वो लोगों को बताते हैं कि पुलिस ने हमे थाने के बजाय जंगल में ले गई थी और दो घंटा तक खूब पीटा है उनकी तबियत खराब हो जाती है 8 अप्रैल को बेगूसराय सदर अस्पताल में इलाज करवाते हैं,फिर प्राइवेट डॉक्टर से भी दिखवाते हैं फिर भी उनका तबियत ठीक नही होता है कल दिनांक 17 अप्रैल को उन्हें igims पटना रेफर किया जाता है और रात 2 बजे उनकी मौत हो जाती है।
ये दोनों हत्या नीतीश कुमार के प्रशासन द्वारा किया गया है हम सरकार से मांग करते हैं कि इस मामले को उच्च स्तरीय जांच कर तानाशाह पुलिस प्रशासन को बर्खास्त करें और सामाजिक कार्यकर्ता संतोष कुमार सहित विक्रम को न्याय दें अन्यथा हमलोग लॉकडाउन के बाद आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। रंजीत कुमार
कथित हिंदुत्व के नाजायज औलाद बताओ क्या संतोष शर्मा हिंदू का बेटा नहीं था । आज तुम सब की चुप्पी तुम्हारे दोगलाई सोच को दर्शाने के लिए काफी है । साथियों चुप्पी तोरो आज विक्रम पोद्दार और संतोष शर्मा मारा गया कल किसी और कि बारी आएगी ।
